Former Prime Minister मनमोहन सिंह की हालत तकरीबन 8 बजे अचानक बिगड़ गयी थीं और उन्हें गंभीर अवस्था मे दिल्ली AIMS में भर्ती करवाया गया था,डॉक्टरो की टीम लगातार पीएम पर लगी हुई थी लेकिन पूर्व पीएम की जान नही बचा सकी और पूर्व पीएम उदारीकरण के अग्रदूत मनमोहन सिंग जी का 92 वर्ष की अवस्था मे निधन हो गया,पूर्व पीएम ने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली।
बताया जा रहा है कि तकरीबन 8 बजे पूर्व पीएम को अस्पताल लाया गया तंग और उनका इलाज़ आनन-फानन में शुरू हुआ था और डॉक्टरों की टीम इलाज़ में जुटी हुई थी किन्तु पूर्व पीएम की हालत में कोई सुधार नही हुआ और तबियत लगातार बिगड़ती चली गयी और पूर्व पीएम का निधन हो गया। पूर्व पीएम के निधन से पूरा देश शोक में डूब गया और यह बड़ी राजनीतिक छति मानी जा रही है।दिल्ली एम्स ने हेल्थ बुलेटिन जारी करके पूर्व पीएम के निधन की जानकारी दी।
![]() |
AIMS delhi |
पूर्व भारतीय पीएम मनमोहन सिंह लगातार दो बार यूपीए की सरकार में प्रधानमंत्री रह चुके थे,मनमोहन सिंह 2004 से लेकर 2014 तक लगातार 2 बार भारत के प्रधानमंत्री के पद को संभाला था।
मनमोहन सिंह जी ने 2008 में आई मंदी को बाखूबी संभाला था और पूरी दुनिया ने मनमोहन सिंह की उस दौरान बहुत तारीफ की थी।
मनमोहन सिंह जी को उदारीकरण के अग्रदूत कहा जाता है 1991 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में मनमोहन सिंह जी वित्त मंत्री थे,उस दौरान 1991 से 1996 तक मनमोहन सिंह जी वित्त मंत्री रहे थे।
सम्बंधित ख़बरें


1991 में वित्त मंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह जी ने आर्थिक सुधारों के लिए एक नई आर्थिक नीति लागू की थी।इस नई आर्थिक नीति को मनमोहन सिंग जी ने 3 स्टेज में लागू किया था जिसमे वैश्विकरण, उदारीकरण और निजीकरण था।इस नई आर्थिक नीति ने भारत को एक नई उड़ान दी थी।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने एक बार सफल रूप से 5 साल का कार्यकाल प्रधानमंत्री के रूप में पूरा करने के बाद लगातार दूसरा 5 साल का सफल कार्यकाल पूरा किया था।